हाल ही में, कोरिया गणराज्य में अपार्टमेंट मूल्य सीमा प्रणाली (분양가상한제) में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। citeturn0search7 इन परिवर्तनों का उद्देश्य आवास बाजार को स्थिर करना और घर खरीदारों के लिए अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। यदि आप इन परिवर्तनों से अनजान हैं, तो यह आपके निवेश निर्णयों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस लेख में, हम इन परिवर्तनों की विस्तार से चर्चा करेंगे और उनके संभावित प्रभावों का विश्लेषण करेंगे।
अपार्टमेंट मूल्य सीमा प्रणाली का परिचय
अपार्टमेंट मूल्य सीमा प्रणाली (분양가상한제) एक सरकारी नीति है जिसका उद्देश्य नए अपार्टमेंट की बिक्री कीमतों को नियंत्रित करना है। यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि डेवलपर्स एक निश्चित सीमा से अधिक कीमत पर अपार्टमेंट नहीं बेच सकते, जिससे आवास की उपलब्धता और सामर्थ्यता में सुधार होता है। इस प्रणाली के तहत, बिक्री मूल्य का निर्धारण निम्नलिखित घटकों के आधार पर किया जाता है:
- भूमि मूल्य (택지비): अपार्टमेंट के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली भूमि की लागत।
- मूलभूत निर्माण लागत (기본형건축비): निर्माण सामग्री, श्रम, और अन्य संबंधित खर्च।
- भूमि और निर्माण अधिभार (택지 가산비 및 건축 가산비): अतिरिक्त सुविधाओं या विशेषताओं के लिए अतिरिक्त लागत।
यह प्रणाली पहली बार 2005 में सार्वजनिक भूमि पर निर्मित अपार्टमेंट्स के लिए लागू की गई थी, और 2017 से इसे निजी भूमि पर भी विस्तारित किया गया है। citeturn0search2
मूलभूत निर्माण लागत में हालिया वृद्धि
28 फरवरी 2025 को, 국토교통부 (भूमि, अवसंरचना और परिवहन मंत्रालय) ने घोषणा की कि 분양가상한제 के तहत अपार्टमेंट्स के लिए मूलभूत निर्माण लागत में 1.6% की वृद्धि की जाएगी। citeturn0search0 इस वृद्धि के बाद, 16 से 25 मंजिलों वाले, 60 से 85㎡ के अपार्टमेंट्स के लिए मूलभूत निर्माण लागत ㎡당 210만 6천원 से बढ़कर 214만원 हो गई है। इस वृद्धि का मुख्य कारण निर्माण श्रम और अप्रत्यक्ष निर्माण खर्चों में वृद्धि है।
यह वृद्धि 1 मार्च 2025 के बाद से आवासीय अनुमोदन के लिए आवेदन करने वाले प्रोजेक्ट्स पर लागू होगी। हालांकि, वास्तविक बिक्री मूल्य इन सीमाओं के भीतर तय किया जाएगा, जिसमें बाजार की स्थितियों, आस-पास की संपत्तियों की कीमतों, और अन्य कारकों को ध्यान में रखा जाएगा।
वास्तविक निवास अनिवार्यता में परिवर्तन
29 फरवरी 2024 को, 국회 (राष्ट्रीय विधानसभा) ने 주택법 (आवास कानून) में एक संशोधन पारित किया, जिसके तहत 분양가상한제 के तहत अपार्टमेंट्स के लिए वास्तविक निवास अनिवार्यता को 3 वर्षों के लिए स्थगित किया गया है। citeturn0search1
इससे पहले, इस प्रणाली के तहत खरीदे गए अपार्टमेंट्स के मालिकों को 2 से 5 वर्षों तक स्वयं उस संपत्ति में निवास करना आवश्यक था, ताकि ‘갭 투기’ (अंतराल सट्टेबाजी) को रोका जा सके। हालांकि, आवास बाजार में मंदी और वास्तविक निवास अनिवार्यता के कारण होने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर, इस अनिवार्यता को 3 वर्षों के लिए स्थगित कर दिया गया है।
इन परिवर्तनों का संभावित प्रभाव
इन नीतिगत परिवर्तनों का आवास बाजार पर कई प्रभाव पड़ सकते हैं:
- बिक्री कीमतों में वृद्धि: मूलभूत निर्माण लागत में वृद्धि से अपार्टमेंट्स की बिक्री कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिससे खरीदारों के लिए आवास की सामर्थ्यता प्रभावित हो सकती है।
- निवेशकों के लिए अवसर: वास्तविक निवास अनिवार्यता के स्थगन से निवेशकों को अपार्टमेंट्स को किराए पर देने का अवसर मिलेगा, जिससे किराया बाजार में आपूर्ति बढ़ सकती है।
- आवास बाजार की स्थिरता: इन परिवर्तनों का उद्देश्य आवास बाजार को स्थिर करना है, लेकिन उनकी प्रभावशीलता बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगी।
खरीदारों और निवेशकों के लिए सुझाव
यदि आप अपार्टमेंट खरीदने या निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- बाजार अनुसंधान करें: वर्तमान बाजार रुझानों और कीमतों की जानकारी प्राप्त करें ताकि आप सूचित निर्णय ले सकें।
- वित्तीय योजना बनाएं: अपनी वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करें और सुनिश्चित करें कि आप संभावित मूल्य वृद्धि को संभाल सकते हैं।
- विशेषज्ञ सलाह लें: रियल एस्टेट विशेषज्ञों या वित्तीय सलाहकारों से परामर्श करें ताकि आप संभावित जोखिमों और लाभों को समझ सकें।
निष्कर्ष
अपार्टमेंट मूल्य सीमा प्रणाली में हाल के परिवर्तनों का आवास बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। खरीदारों और निवेशकों के लिए यह आवश्यक है कि वे इन परिवर्तनों के प्रति जागरूक रहें और अपने निर्णयों में सतर्कता बरतें। उचित अनुसंधान, वित्तीय योजना, और विशेषज्ञ सलाह के माध्यम से, आप इन परिवर्तनों के बीच अपने आवास संबंधी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त कर सकते हैं
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